इकना के अनुसार, अल-वतन की रिपोर्ट में, कफ्र अल-शेख़ के गवर्नर अला अब्दुलमती ने प्रसिद्ध मिस्री कारी अबुल ऐनेन शुईशा की 103वीं जयंती के अवसर पर एक संदेश में कहा: "शेख अबुल ऐनेन शुईशा मिस्र के लिए गर्व का विषय थे और आज भी हैं। वह कुरान की पवित्र आयतों के पाठ के प्रतीक हैं, जो इतिहास में अमर हो गए।"
उन्होंने आगे कहा: "शेख ऐनेन शईशा सिर्फ एक कारी (कुरान पाठक) नहीं थे, बल्कि वह स्वयं एक पाठशाला थे। उनकी विशिष्ट आवाज़ और भक्तिपूर्ण पाठशैली ने दुनिया भर के मुसलमानों के दिलों में जगह बनाई।"
अब्दुलमती ने स्पष्ट किया: ऐनेन शुईशा सिर्फ मिस्र के नहीं थे; बल्कि उन्होंने मिस्र और इस्लाम का प्रतिनिधित्व करते हुए दुनिया के कई देशों की यात्रा की और दिव्य वाणी को फैलाकर तथा मनमोहक आवाज़ के साथ कुरान के सर्वश्रेष्ठ राजदूत बने।
उन्होंने यह भी कहा कि ऐनेन शुईशा कफ्र अल-शेख प्रांत के निवासी थे, जो उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने नई पीढ़ी से आग्रह किया कि वे इस प्रसिद्ध मिस्री कारी को अपना आदर्श बनाएं।
बता दें कि उस्ताद अबुल ऐनेन शुईशा का जन्म 12 अगस्त, 1922 को मिस्र के कफ्र अल-शेख में हुआ था और उन्होंने महज 10 साल की उम्र में कुरान को हिफ्ज़ (याद) कर लिया था। इस महान कारी ने 23 जून, 2011 को दुनिया को अलविदा कह दिया।
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